बीसीसीआई ने पाकिस्तान को ना कहा, चैंपियंस ट्रॉफी पर संकट गहराया
देश भर के क्रिकेट जगत में एक बड़ा हंगामा मच गया है। टीम इंडिया ने आईसीसी को आधिकारिक तौर पर सूचित कर दिया है कि वे अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान नहीं जाएँगे! इस धमाकेदार खबर ने पाकिस्तानी क्रिकेट अधिकारियों को हिलाकर रख दिया है। बुमराह यॉर्कर के कारण टूर्नामेंट की योजनाएँ इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के शुरू होने से मात्र 100 दिन पहले ही पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गईं।
▶ बीसीसीआई की धमाकेदार घोषणा
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पुष्टि की है कि उन्हें आईसीसी से एक ईमेल मिला है जिसमें कहा गया है कि बीसीसीआई ने हमारी टीम को सीमा पार भेजने से साफ़ इनकार कर दिया है। उनके प्रवक्ता ने कहा, "पीसीबी ने वह ईमेल पाकिस्तान सरकार को उनकी सलाह और मार्गदर्शन के लिए भेज दिया है।" भारत की हार के बाद एक प्रशंसक से भी ज़्यादा निराश लग रहे थे। विश्व कप सेमीफाइनल से बाहर होना पड़ा।
इस फैसले से कश्मीर से कन्याकुमारी तक किसी भी क्रिकेट प्रशंसक को आश्चर्य नहीं होना चाहिए! हमारे देशों के बीच राजनीतिक तनाव के कारण 2013 से द्विपक्षीय क्रिकेट स्थगित है, और टीम इंडिया ने 16 साल से ज़्यादा समय से पाकिस्तान में मैच नहीं खेला है - यह समय कई युवा प्रशंसकों के पूरे क्रिकेट देखने के जीवन से भी ज़्यादा है!
▶ संकट मोड में टूर्नामेंट
पाकिस्तान 1996 के बाद से अपने पहले वैश्विक क्रिकेट आयोजन की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार था, आठ टीमों का यह टूर्नामेंट 19 फरवरी, 2025 से शुरू होने वाला था। लेकिन भारत की भागीदारी के बिना, टूर्नामेंट को दिल्ली के सर्दियों के मौसम से भी अधिक अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है!
एक समाधान जिस पर चर्चा हो रही है, वह पिछले साल के एशिया कप जैसा एक 'हाइब्रिड' मॉडल है, जहाँ भारत अपने मैच यूएई में खेल सकता है जबकि बाकी मैच पाकिस्तान में होंगे। हालाँकि, पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नक़वी ने विकेटों के बीच दौड़ते हुए विराट से भी तेज़ इस व्यवस्था को खारिज कर दिया है और कहा है कि वे किसी भी हाइब्रिड समाधान को स्वीकार नहीं करेंगे।
▶ क्रिकेट जगत में वित्तीय भूचाल
इस नाटक के बड़े वित्तीय निहितार्थ भी हैं! जैसा कि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के सीईओ रिचर्ड गोल्ड ने बताया, "अगर आप चैंपियंस ट्रॉफी भारत या पाकिस्तान के बिना खेलते हैं, तो प्रसारण अधिकार नहीं मिलेंगे।" अनुवाद: भारत के न होने का मतलब है टीवी सौदों में करोड़ों रुपये का नुकसान, जो क्रिकेट के खजाने को उससे भी ज़्यादा नुकसान पहुँचाएगा। आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग कांड!
▶ भारत-पाक क्रिकेट का ऐतिहासिक संदर्भ
गौरतलब है कि हमारी टीम इससे पहले 2016 टी20 विश्व कप और पिछले साल के टी20 विश्व कप के लिए पाकिस्तान का दौरा कर चुकी है। वनडे विश्व कप, जबकि श्रीलंका की टीम पर हुए भयानक हमले के बाद पाकिस्तान ने 2009 से 2015 के बीच किसी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी नहीं की है।
▶ भारत के रुख पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इंग्लैंड के पूर्व कोच पॉल फारब्रेस ने बीसीसीआई के फैसले पर खुलकर बोलते हुए कहा, "भारत का बहुत अधिक प्रभाव है" और यह "भारत के लिए यह दिखाने का एक शानदार अवसर है कि वह क्रिकेट को फलने-फूलने देना चाहता है।"
आपकी क्या राय है? क्या हमारे नीले खिलाड़ियों को पाकिस्तान जाना चाहिए या बीसीसीआई उन्हें घर पर ही रोककर सही फैसला ले रहा है? भारत की हर गली और चाय की दुकान पर क्रिकेट पर बहस शुरू हो जाए!

